केवल छ: ट्रेन शुरू करना काफी नहीं..दिलीप पाटिल ने कहा- सभी बंद गाडियां शुरू नहीं हुईं तो आंदोलन होगा

Shri Mi
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बिलासपुर (मनीष जायसवाल ) प्रदेश की 23 ट्रेने को और जिले की कई पैसेंजर ट्रेने बंद करके छह ट्रेनों को शुरू कर देने से जनप्रतिनिधि जनता, जन सेवक बिलासपुर रेल्वे जोन की कार्यप्रणाली से खुश नही है.बिलासपुर जिला झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष दिलीप पाटिल ने सीजीवाल को बताया कि रेल सेवा समाजिक दूरियां कम करता है और व्यापार, वाणिज्य और सरल कर रोजगार के अवसर बनाता है जिससे लोगो का विकास होता है .

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ठीक ऐसे ही बिलासपुर रेल्वे जोन कमाता यहाँ है औऱ सुविधाओं के नाम पर ठेंगा भी यही दिखाता है। रेल्वे जोन आम लोगो की रोजना की आवाजाही को बाधित कर व्यापारियो , नौकरी पेशा कर्मचारी वर्गों और आस पास के क्षेत्रों से शहरों में रोजी मजूरी करने वाले गरीब तबके के झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों के साथ भी अन्याय कर रहा है। रेल्वे की पूंजीवादी नीति का
झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ विरोध करता है।इस व्यवस्था से वर्गों विभाजन होगा। जिससे इस महा मॅहगाई में गरीब व मध्यम वर्ग ही सबसे अधिक शोषण का शिकार होगा।

जिला अध्यक्ष दिलीप पाटिल बताते है कि पेट्रोल डीजल की कीमतें आसमान छू रही है।लोग निजी साधनों की जगह सार्वजनिक यातायात के साधनों को महत्व दे रहे है। रेल का सफर सस्ता और सुलभ शुरू से रहा है।इस महा मॅहगाई के दौर में रेल सुविधाओं में कटौती रेल्वे की तानाशाही रवैया अपना रही है।जिससे आम लोग परेशान हो रहे है।

जिला झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के कांग्रेस नेता दिलीप ने बताया कि यात्रा और रोजगार के लिए रोजाना देश के लोग हवाई जहाज, पानी जहाज, बस, कार मोटर साइकिल का इस्तेमाल करते है। लेकिन गरीब आदमी को सबसे सस्ती रेल लगती है।इसे बाधित करना मतलब गरीबो का विकास रोकना है। और यह काम केंद्र की सरकार का रेल मंत्रालय बिलासपुर में कर रहा है।

दिलीप पाटिल का कहना है कि बिलासपुर रेल्वे जोन को अपने आय से सकोकर है। यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी की बजाय इसे कम करने का काम कोरोना के बाद से लगातार करते ही आ रहा है। कोयले से कमाई के क्षेत्रों अम्बिकापुर और चिरमिरी की ओर चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस ट्रेन की तर्ज पर चला रहा है। जिसकी वजह से छोटे रेलवे स्टेशनों में अब ये रेल गाड़ियां रुकती ही नही है। जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों का गरीब तबका बिलासपुर अधिक पैसे खर्च करके बसों और निजी वाहनों पर निर्भर हो गया है।इन ट्रेनों के मनमाने परिचालन से अपोलो इलाज करवाने आने जाने वाले लोग सबसे अधिक इस पीड़ा को महसूस कर रहे है।

काग्रेस नेता दिलीप पाटिल ने बताया कि झारसुगुड़ा गोंदिया झारसुगुड़ा मेमू ,रायपुर डोंगरगढ़ रायपुर मेमू , बिलासपुर गेवरारोड बिलासपुर पैसेंजर ये ऐसी ट्रेने हैं जो बिलासपुर के आम लोगो की लाइफ लाइन है। इस क्षेत्र के सैकड़ो गांवों के हजारों मजदूर अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए शहरों में काम करते हैं। ये मजदूर प्रतिदिन इन ट्रेनों से बिलासपुर आना जाना करते है। जो बस का किराया देने में असमर्थ हैं। ट्रेन बंद होने से इन मजदूरों को अपने परिवार के पालन पोषण की चिंता सताने लगी है।

युवा नेता दिलीप पाटिल का कहना है कि जिले के झुग्गी झोपड़ी क्षेत्रों में अभी शादी बिहाव का माहौल चल रहा है आसपास की ट्रेनों को आधार बनाकर शादी का बजट गरीब आदमी ने बनाया है जो अब बिगड़ता नजर आ रहा है। रेल सेवा में कटौती से मॅहगाई की मार झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों पर अधिक पड़ेगी छत्तीसगढ़ की 17 ट्रेनों को बाधित करने के तुगलकी फरमान को वापस लिया जाए। पैसेंजर ट्रेनों को शुरू किया जाए .

जिससे मजदूर वर्ग अपने काम पर जाकर अपने परिवार का जीवन यापन कर सके। इस समस्या का जल्द समाधान नही होता तो आंदोलन किया जायेगा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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