रायपुर—प्रदेश में आकस्मिक ब्लैक आउट होने की स्थिति में ताप विद्युत गृहों को पुर्नसंचालित किए जाने को लेकर पावर कम्पनी ने मॉकड्रिल किया। हसदेव बांगो जल विद्युत गृह से स्टार्ट अप पॉवर सप्लाई करने संबंधी मॉकड्रिल का आयोजन छत्तीसगढ़ स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में किया गया।
मॉकड्रिल के माध्यम से विपरीत परिस्थितियों में विद्युति आपूर्ति बहाली को लेकरअभ्यास किया गया । सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि पॉवर प्लांट के ब्लैक आऊट की स्थिति में कोरबा पश्चिम के बिजली संयंत्रों को 40 मिनट के अन्दर जल विद्युत संयंत्रों से बिजली पहुंचाई जा सके।
जानकारी हो कि अचानक ब्लैक आऊट होने की स्थिति में पावर प्लांटों को फिर से स्टार्ट करना कठिन होता है। इसके लिए तुरंत बिजली की आवश्यकता पड़ती है। जिसकी तत्काल आपूर्ति जल विद्युत संयंत्रों से होती है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन एवं उत्पादन कम्पनी के प्रबंध निदेशक एस.डी. तैलंग और एन.के. बिजौरा के कुशल मार्गदर्शन में मॉक ड्रिल का आय़ोजन किया गया।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के डगनिया स्थिति लोड डिस्पैच सेंटर में संपादित ‘‘ब्लेक स्टार्ट मॉकड्रिल कीे मानीटरिंग मुंबई स्थित वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर के एक्सपर्ट इंजीनियर लगातार करते रहे।
पावर कम्पनी के अनुसार इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड और स्टेट ग्रिड कोड प्रावधानों के अनुसार साल में दो बार मॉकड्रिल करना होता है। इस दौरान डंगनिया स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर में कार्यपालक निदेशक सर्व के.एस.मनोठिया, पी.सी. पारधी, सी.एल. नेताम और संदीप गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता शारदा सोनवानी, बी.अधिकारी, वाई.के. राव, अधीक्षण अभियंता संजय चौधरी, जी.के.मण्डावी, मनोज राय, आर.अरविन्द, एम.पी.नायर, कार्यपालन अभियंता अर्जुन प्रसाद जितेन्द्र झा, जी0पी0सिंह, महेन्द्र सिंह, सहायक अभियंता विन्ध्याचल गुप्ता, श्रीराम कांडरा और अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की अहम भूमिका रही।
मॉक ड्रिल के दौरान बांगो जल विद्युत गृह, छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व के उपकेन्द्रों से फीड होने वाले क्षेत्रों को मिलाकर एक आईलैण्ड सब-सिस्टम बनाया गया । इआईलैण्ड सब-सिस्टम में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित की गई । बनावटी बिजली संकट छुरीखुर्द, जमनीपाली और कोरबा क्षेत्र में भी निर्मित किया गया।
इस दौरान इंजीनियरों की टीम ने युद्धस्तर पर बिजली संकट क्षेत्र में बिजली बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की ।बांगो में उपलब्ध डीजल जनरेटर सेट से बंद जल विद्युत इकाई क्रमांक-3 को सर्विस में लेकर बांगो उपकेन्द्र के बस को चार्ज किया गया। उत्पादित बिजली को 132 के.व्ही. लाईनों के माध्यम से छुरीखुर्द, जमनीपाली और कोरबा पूर्व 132 के0व्ही0 उपकेन्द्रों तक क्रमशः पहुंचाया गया। पूर्व निर्धारित 33/11 के0व्ही0 विद्युत फीडरों को एक के बाद एक चालू कर बांगों की जल विद्युत इकाई से करीब 20 मेगावाट लोड लिया गया ।
आईलैण्ड सब-सिस्टम की फ्रिक्वेन्सी एवं वोल्टेज को मॉनीटर करते हुए बांगो जल विद्युत गृह की सप्लाई को कोरबा पश्चिम ताप विद्युत गृह तक पहुंचाया गया । पूरी प्रक्रिया में 40 मिनट का समय लगा।