ग्राउन्ड रिपोर्ट : धनहा में तब्दील हो रहा एक धान संग्रहण केन्द्र……और दूसरों पर दोष मढ़ रहे ज़िम्मेदार अधिकारी

Chief Editor
5 Min Read

सूरजपुर : ( ग्राउंड रिपोर्ट ) जिले के रामनगर का धान संग्रहण केंद्र .. धान के खेल की कहानी लिखने की ओर बढ़ रहा है । यह केंद्र अब धीरे -धीरे धनहा खेत में तब्दील हो रहा है। यहां पर स्थाई रूप में उपयोग होता जेसीबी , बचे हुए धान में लगा हुआ घुन, बारिश में सड़ता हुआ धान चीख चिख कर यहाँ की बदहाली की गाथा बयां कर रहा है ..! सरकार के शुभचिंतक इस धान संग्रहण केंद्र के कुप्रबंधन पर यही कामना कर रहे है कि जंगली हाथियों का दल यहाँ पिकनिक मनाने आये और यहाँ का हिसाब किताब बराबर करके चले जाएं। यहाँ की अव्यवस्था पर व्यवस्था से जुड़े लोग यह कहने में भी नही हिचकते है कि वे अपने हक की जवाबदेही नियमो के आधार पर लेने को तैयार … है । पर हाथी सा कद देख कर कोई इन्हें न्याय के दरबार में बुलाने को तैयार नही है …! यहां के प्रभारी श्री देवांगन के बोल बचन भी ऐसे हैं …. मानो ये कोई सरकारी कर्मचारी नहीं बल्कि मजे हुए राजनीतिक खिलाड़ी हो …! ये अपनी गलती का ठीकरा विभाग के दूसरे अधिकारियों पर खुल्लम खुल्ला थोप रहे है ।

Join Our WhatsApp Group Join Now

कैमरे के सामने व्यवस्था से जुड़े यह जिम्मेदार अधिकारी रामनगर के धान संग्रहण केंद्र की अव्यवस्था पर सवाल पूछे जाने पर कहते है कि …. यहां अधिकारी जनप्रतिनिधि आते हैं घूम कर चले जाते हैं …. कोई कुछ नहीं करता .! सहकारिता मंत्री प्रेम प्रेम सिंह टेकाम और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के निवास क्षेत्र के जिले सुरजपुर में व्यवस्था का यह आलम है ।

सीजीवाल के कैमरे में रामनगर धान संग्रहण केंद्र धान की बर्बादी रिकॉर्ड है।और यहां के प्रबंधक कहते हैं कि 2 या 3 कुंटल धान ही खराब हुआ होगा ..! केंद्र के प्रभारी स्वीकार कर कहते हैं कि यहां की अव्यवस्था के जिम्मेदार वे ही होते हैं …! लेकिन सारी अव्यवस्था की जड़ यहां पर धान संग्रहण केंद्र के एसओपी के विरुद्ध भूमि का चयन करना है …!

इस आरोप प्रत्यारोप के चक्कर में बहुत से लोग आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे है।इस केंद्र में परिवहन में लगे वाहन चालक और मालक दोनों अलग परेशान है। बार बार टोचन करने की वजह से ट्रकों में भविष्य में बड़े नुकसान की आशंका है। वही कीचड़ भरे रास्ते की वजह से वाहनों में रोजाना कुछ न कुछ टूट फूट से मरम्मत और डीजल का भार बढ़ गया है।

बोरियो के हिसाब किताब का राज क्या है इसकी पड़ताल जारी है ..! व्यापारी अपना नुकसान सिस्टम की गलती से करवा तो सकते नही, इसलिए सडे हुए धान का उठाव नही हुआ है। कैमरे में दिखाई देता है कि राइसमिलर सड़ा हुआ धान नही लेकर जा रहे है, लेकिन यहाँ के हालत तो यही बयाँ करते है कि बीच सितम्बर में इस संग्रहण केंद्र में रखे हुए धान की स्थिति कैसी है। आगे और कैसी होगी।

अन्नदाता किसान की मेहनत उसके पसीने के मोल को व्यवस्था के जिम्मेदार लोग शायद कभी नहीं समझ पाएंगे । रामनगर धान संग्रहण केंद्र की अव्यवस्था का आलम यह है कि पॉलिथीन कैप के अंदर रखा हुआ धान सड़ गया है । चट्टा पर रखा हुआ नीचे का धान पूरी तरह घुन खा चुका है । बोरो से धान की अंकुर निकल आए हैं। बहुत सी धान की बोरियां काली होकर सड़ चुकी है । धान काला होकर बिखरा हुआ है। यहाँ बदबू भरा माहौल है ..! चलने के लिए रास्ता नहीं बचा है । सितंबर महीना बीतने को है फिर भी यहां से धान का उठाव नहीं हुआ है ..! ट्रकों को निकालने के लिए जेसीबी का रोजाना उपयोग हो रहा है। इस चार दिवारी मैं चारों तरफ सरकारी रुपयों की चादर के रूप में धान के खेती दिखाई देते हैं ..! जो राज्य सरकार के पैसे की बर्बादी की कहानी कह रही है।

सुरजपुर के इस रामनगर के धान संग्रहण केंद्र के अस्थाई ऑफिस में संग्रहण केंद्र प्रभारी का एक संदेश लिखा हुआ कि सभी प्रतिदिन सुबह 9 बजे तक संग्रहण केंद्र पहुंचना सुनिश्चित करें अन्यथा वेतन रोक दिया जाएगा और कटौती की जाएगी। यह सभी मजदूरों के लिए लिखी हुई लाइनें लगती है और सवाल खड़े करती है कि अव्यवस्था के जिम्मेदार लोग जिनकी वजह से राज्य सरकार को लाखों करोड़ों का नुकसान हो रहा है उनके लिए ऐसे आदेश संदेश कौन लिखेगा …!

close