कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से पंजाब में हुई थी चार लोगों की मौत ,लोकसभा में बताया गया-सिर्फ दो राज्यों ने भेजी जानकारी

Shri Mi
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दिल्ली।सरकार ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान देशभर में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड-19 रोगियों की मौत के आंकड़े राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों से मांगे हैं. उक्त विषय पर आंकड़ों के लिए सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को ईमेल से अनुरोध किया गया. जिसमें 29 नवंबर 2021 को किया गया अंतिम ईमेल शामिल है। इस संबंध में केवल 2 राज्यों पंजाब और अरुणाचल प्रदेश में जवाब दिया है.पंजाब ने अपने ईमेल में कहा कि पंजाब में अमृतसर जिले में एक अस्पताल( निजी) में ऑक्सीजन की कमी के कारण चार संदिग्ध मौतें हुई है.

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यह जवाब लोकसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडवीया ने दिया। बालूभाऊ उर्फ सुरेश धनोरकार, एडवोकेट अदूर प्रकाश ने जानना चाहा कि क्या सरकार ने वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई कोविड से ग्रस्त मरीजों की मौतों के संबंध में राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों से रिपोर्ट डाटा की मांग की है? यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? क्या सरकार को पंजाब के अलावा अन्य राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से उपरोक्त डाटा मिला है? यदि हां तो तक संबंधी ब्यौरा क्या है? कोविड-19 कि भविष्य में आने वाली लहरों की आशंका को ध्यान में रखते हुए राज्य संघ राज्यों में मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं?

जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्यों को सलाह दी गई है कि वह निजी अस्पतालों समेत सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन के उपभोग की संपरीक्षा करें ।सभी राज्यों को सख्त निगरानी के जरिए ऑक्सीजन का युक्तिसंगत प्रयोग करने की और बर्बादीपूर्ण प्रयोग को निषिद्ध करने की सलाह दी गई है।

राज्यों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर संयंत्र स्थापना के लिए भी सहायता दी जा रही है। राज्यों को ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आपूर्ति के रूप में सहायता दी गई है। अप्रैल और मई 2020 में 102400 ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे गए और राज्यों को वितरित किए गए।राज्यों से यह भी अनुरोध किया गया है कि शेष सरकारी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में भी ऑक्सीजन सृजन संयंत्र स्थापित करें

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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