IAS Transfer 2024: उत्तरप्रदेश ही नहीं…Chhattisgarh में भी हो गयी बड़ी सर्जरी…विकास के लिए जरूरी…नहीं समझ पाए धुरंधर…जाहिर है गूंज तो होगी

Editor
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IAS Transfer 2024/बिलासपुर—तीन जनवरी की रात्रि, साय सरकार ने 87 से अधिक आईएएस और IPS अधिकारियों को ईधर से ऊधर किया। दूसरे दिन प्रदेश में फेरबदल की चर्चा जमकर हुई। कमोबेश आज भी इस बात को लेकर चर्चा के साथ आश्चर्य कायम है। लोगों की माने तो ऐसी प्रशासनिक सर्जरी अब से पहले सिर्फ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में ही देखने को मिली है। जैसा की उत्तर प्रदेश में पिछले सात सालों से होता आ रहा है।

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IAS Transfer 2024/बहरहाल बड़ी सर्जरी से ना केवल प्रशासन में विष्णु देव की धमक बढ़ गयी है…बल्कि आम जनता में भी सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। भाजपा सरकार में अब बात ज्यादा और काम कम करने वाले अधिकारियों को खैर नहीं है। चर्चा इस बात को लेकर भी है कि कांग्रेस सरकार के समय कई पावरफुल अधिकारियों को अभी भी पावरपुल बनाकर रखा गया है।

लेकिन जनता यह भी समझ रही है कि पद ज्यादा और अधिकारी कम हो तो विभाग किसी ना किसी काबिल अधिकारी को मिलेगा ही। सूत्रों की माने तो कभी पीछे घूमने वाले ऐसे काबिल अधिकारियों को विष्णु देव सरकार ने ना केवल जिम्मेदार विभाग दिया है..बल्कि संकेत भी किया है कि जनहित के काम को प्राथमिकता से नहीं लेने वालों को हटाने में समय नहीं लगेगा।

बताते चलें कि चुनाव जीतने वाली सरकार, सरकार चलाने के लिए अपनी टीम बनाती है। टीम बनाते समय मंत्रीगण अपनी टीम का गठन करते हैं।जरूरत के अनुसार पुरानी टीम के काबिल अधिकारियों को भी अपनी टीम में महत्वपूर्म जिम्मेदारी भी देते हैं।

IAS Transfer 2024/पुराने अधिकारियों को नई टीम में महत्व मिलने को लेकर जाहिर सी बात है कि जनता में जमकर चर्चा होती है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। तीन जनवरी को जब विष्णुदेव सरकार ने एक साथ 87 आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को रातों रात इधर से उधर किया तो प्रदेश में हड़कम्प मचना जरूरी है। क्योंकि छत्तीसगढ़ में एक साथ इतनी बड़ी सर्जरी कभी नहीं हुई। हां उत्तर प्रदेश में जरूर ऐसा हुआ है…। यही कारण है कि आज उत्तरप्रदेश की विकास रफ्तार देश में देखने लायक है। शायद इस विकास को पाने के लिए विष्णु सरकार ने किश्तों की जगह एक साथ प्रशासनिक सर्जरी का बीड़ा उठाया।

 सर्जरी के दौरान इस बात का जरूर ध्यान रखा गया कि ऐसी काबिल अधिकारी जिन्हें पिछली सरकार में काम करने का मौका नहीं मिला। उन्हें अवसर दिया जाए। साथ ही ऐसे 87 में ऐसे भी अधिकारी शामिल हैं…जिन्हें पिछली सरकार में जमकर अवसर मिला। लेकिन उन्होने जनहित से ज्यादा सरकार का ज्यादा ध्यान रखा।

ऐसे अधिकारियों को विष्मु देव सरकार ने सकारात्मक काम करने का अवसर दिया है। इसमें ऐसे दर्जन से अधिक अधिकारियों के नाम शामिल हैं। इसके अलावा सरकार की मजबूरी है कि ऐसे अधिकारियों की सेवा लें। क्योंकि विभाग ज्यादा और अधिकारियों की कमी के कारण ट्रांसफर सूची में ऐसे अधिकारियों का नाम होना स्वभाविक भी है। जिसे लेकर लोग इन दिनों चर्चा भी कर रहे हैं।

बताना जरूरी है कि बड़े अधिकारियों की ट्रांसफर सूची बनाते समय केबिनेट की स्वीकृत जरूरी होता है। वरिष्ठ अधिकारी सूची तैयार कर मंत्री के सामने पेश करते हैं। इसके बाद जरूरत पड़ी तो मंत्रीगण सूची में फेरबदल का निर्देश देते हैं। ताकि जनहित कार्यों का बेहतर क्रियान्यवयन किया जाए। इसके बाद ही प्रशासन ट्रांसफर सूची जारी करता है।

बताना जरूरी है कि उत्तरप्रदेश सरकार बड़ी सर्जरी करने में माहिर है। चूंकि ऐसी सर्जरी Chhattisgarh में हुई..तो जाहिर सी बात है कि इसकी गूंज तो होगी ही।

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