गजब है शिक्षा विभाग : राजपत्र की अनदेखी कर व्याख्याता को बना रहे BEO तो क्या करेंगे ABEO..?

Shri Mi
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़ में शिक्षा का बुरा हाल है। कोरोना काल के नाम पर यूं तो ट्रांसफर पर बैन है लेकिन आए दिन एक एक दो दो करके तबादले की सूची निकलती रहती है। विगत स्कूल शिक्षा विभाग में तबादले की बड़ी सूची जारी की गई जिसमें 27 विकास खंडों के विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा सत्र शुरू होने के पहले बदल दिया गया है।विकास खंड शिक्षा अधिकारी का पद पदोन्नति का है। राज्य में 185 विकास खंड शिक्षा अधिकारी पद का सेटअप है। 2019 अप्रैल में जारी छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती पदोन्नति नियम के अनुसार विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर प्राचार्य वर्ग दो जिन्हें 5 वर्ष का अनुभव हो एवं सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी को भी बीईओ पद के लिए पात्र बताया गया है।

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लेकिन ठीक इसके विपरीत पूरे प्रदेश के 168 विकास खंडों में 50 से ज्यादा शिक्षा ब्लॉकों में प्रभारवाद के नाम पर व्याख्याता और प्रधान पाठकों की भी नियुक्ति कर दी जा रही है।राजपत्र में प्रकाशित स्कूल शिक्षा भर्ती सेवा पदोन्नति नियम 2019 में के अनुसूची में स्पष्ट रूप से लेख है कि व्याख्याताओं की भर्ती एकेडमिक कार्यो के लिए हुई है उसके बावजूद भी स्कूल शिक्षा विभाग में बी ओ,एबीईओ, बी आर सी, डी एम सी, डीपीसी, एपीसी, प्रभारी प्राचार्य एवं शासन के अन्य विभागों में भी अटैचमेंट के नाम पर व्याख्याताओं की नियुक्ति की धडल्ले से नियुक्ति जा रही है।

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय हो या संयुक्त संचालक पर कार्यालय या फिर डीपीआई, साक्षरता मिशन हो या माध्यमिक शिक्षा मंडल या ट्राइबल या एजुकेशन डिपार्टमेंट अन्य इकाई व्याख्याताओं को जिन्हें राज्य पत्र के अनुसार स्कूलों में पढ़ाई के लिए भर्ती कराया गया है प्रभार के नाम पर नियुक्त कर दिया जाता है और मूलत प्रशासनिक कार्यों के लिए जिनकी भर्ती की गई है ऐसे फीडिंग कैडर के उपलब्ध है उन्हें ना तो उन्हें पदोन्नति दी जा रही है और ना कोई प्रकार का दायित्व, इक्का-दुक्का जगह पर अगर कोई प्रभार दे भी दिया गया है तो उनको भी हटाकर व्याख्याताओं को बनाए जाने से कैडर में निराशा है।

मालूम हो 2013 में छत्तीसगढ़ पीएससी के माध्यम से सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी के 268 पदों पर भर्ती की गई थी। सीधी भर्ती के द्वितीय श्रेणी के प्रशासनिक पद पर काम करते हुए प्रथम बैच को 5 साल के बाद भी किसी प्रकार की पदोन्नति नहीं मिली है। बी ई ओ और अन्य प्रशासनिक पदों पर अन्य राज्यों में एबीईओ के फीडिंग कैडर के रूप में भर्ती की जाती है। छत्तीसगढ़ में पहली भर्ती के बाद भी परंपरागत आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं। 2019 में राजपत्र भी स्पष्ट रूप से नियम प्रकाशित होने के बावजूद भी नियम विरुद्ध तरीके से प्रभार के नाम पर शिक्षा की दुकान चलाई जा रही है। जाहिर है विद्यालयों में व्याख्याताओं की अध्ययन और अध्यापन के लिए कमी स्वभाविक होगी और फीडिंग कैडर के उपलब्ध रहते हुए ऐसे तबादले निराशाजनक साबित हो रहे ।

पिछले महीने इसी विषय पर लिए गए एक आर्डर के मामले में हमने प्रमुख शिक्षा सचिव डॉक्टर आलोक शुक्ला से बातचीत की थी तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि नियम विरुद्ध तरीके से इस प्रकार का कोई आदेश नहीं निकाला जाएगा, चालू प्रभार जिला स्तर से व्यवस्था के लिए दिया गया होगा ,राज्य शासन से नियमानुसार ही निर्णय लिया जाएगा ।उसके बावजूद जारी तबादला सूची में 27 विकास खंड शिक्षा अधिकारियों के तबादले में 16 स्थानों पर प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी के नाम पर व्याख्याताओं को खंड शिक्षा अधिकारी बनाया जाना अपने आप मे स्कूल शिक्षा विभाग की कथनी और करनी पर पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। प्रभावितों का मानना है कि जब मन माने ही नियुक्ति, भर्ती, तबादला ,पदोन्नति करनी है तो छत्तीसगढ़ राजपत्र में नियमो के प्रकाशन का ढोंग करने क्या अर्थ है, वैसे हर विभाग की रेट लिस्ट बाजार में घूमती ही है, कम से कम लोग तो किसी भुलावे में नहीं रहेंगे।

ज्ञात हो सीजी वाल ने विगत 2 महीने पहले ऐसे ही शिक्षा विभाग पर प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारियों की सूची जारी की थी ,50 से अधिक ब्लाकों में प्रधान पाठक, व्याख्याता एवं व्याख्याता एलबी को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया है, जो राजपत्र में प्रकाशित नियम के ठीक विपरीत हैं। सरकार की विचारधारा से इतेफाक नही रखने वालों का कहना है कि शिक्षा विभाग में प्रभारवाद टॉप ट्रेड पर है चढ़ावा दो और बदले में चढ़ावे के बाद मनचाहा प्रभार लो … बिल्ली को शेर, शेर को बिल्ली को बनाने का काम स्कूल शिक्षा विभाग में धड़ल्ले से किया जा रहा है। हाल की तबादला सूची भी ऐसी ही जारी की गई है।

जारी तबादला सूची पर हमने प्राचार्य संघ के पदाधिकारियों एवं खंड शिक्षा अधिकारी संघ के पदाधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया “राजपत्र में नियमों के स्पष्ट प्रकाशन के बाद अनुसूची में विवरण के अनुसार ही पात्र लोगों को विकास खंड शिक्षा अधिकारी का दायित्व देना चाहिए,प्राचार्य एव फीडिंग कैडर एबीईओ की भर्ती के 5 वर्ष कार्य करते हुए पूरी तरह से जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं, पात्र एवं योग्य युवाओं की अनदेखी से शासन के प्रति निराशा और रोष के भाव उत्पन्न होते हैं,बीईओ की तबादला सूची में राजपत्र का उलघंन्न हो रहा है जिस पर तत्काल सुधार किया जाना चाहिए”।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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