पंचायतों को मिला रेत खोदने का अधिकार…खत्म हुआ माफिया सिंडिकेट का खेल..कलेक्टर देंगे खदानों को नाम..5 साल का होगा ठेका

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—छत्तीसगढ़ सरकार ने अधिसूचना जारी कर अनुसूचित क्षेत्र के खदानों से रेत उत्खनन का अधिकार पंचायतों को देने का एलान किया है। शासन ने 19 जनवरी को जारी अधिसूचना में बताया कि अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत रेत खदानों के संचालन अब पंचायत करेगा। संबंधित ग्राम पंचायतों को  रेत खदान संचालन के लिए क्षेत्र का नक्शा, खसरा समेत आवेदन प्रारूप में एक हजार रूपए  के साथ आवेदन कलेक्टर कार्यालय में करना होगा। आवेदन के साथ जमा की गयी राशि गैर वापसी योग्य होगा। अनुसूचित क्षेत्रों में साधारण रेत का क्षेत्र घोषित करने के लिए, ग्राम सभा का पूर्व अनुमोदन प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। 
खनिज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आवेदन मिलने के बाद जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा पर रेत खनन क्षेत्र का चिन्हांकन किया जाएगा। निरीक्षण प्रतिवेदन लिये जाने के बाद कलेक्टर रेत खदान क्षेत्रों के नाम विशिष्ट नाम देंगे। खदान घोषित किये जाने के 15 दिनों के अन्दर संबंधित पंचायतों को 25 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर या उसके किसी भाग के लिए कार्यपालन प्रतिभूति राशि चालान के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा
खनिज विभाग अधिकारी डॉ डी.के.मिश्रा ने बताया कि संबंधित पंचायत को एक साल के भीतर अनुमोदित उत्खन्न योजना, पर्यावरण स्वीकृति  और अन्य आवश्यक सहमति के साथ अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। शर्ताें को पूरा करने पर 5 साल के लिए रेत खदान का पट्टा दिया जाएगा। पट्टा मिलने पर 90 दिनों के अन्दर अनुबंध का निष्पादन कराया जाएगा। 
 रेत खदान संचालन के लिए पंचायतों को निर्धारित रेत रायल्टी, उच्चतम निर्धारित मूल्य प्रति घनमीटर की दर से सीधे पंचायत राज के शीर्ष में जमा करना होगा। 10 प्रतिशत डीएमएफ की राशि, पर्यावरण और  विकास उपकर, टीसीएस की राशि संबंधित खातों में जमा करने बाद चालान खनिज शाखा में जमा करना होगा। इसके बाद रेत परिवहन के लिए पास जारी किया जाएगा।
 
यदि ग्राम पंचायत रेत खदानों का संचालन करने में रूचि नहीं लेती हैं तो उसी पंचायत के पंजीकृत स्व-सहायता समूह या स्थानीय बेरोजगार कोआपरेटिव  सोसायटी के माध्यम से रेत खदान का संचालन किया जाएगा। इसके लिए ग्राम सभा का अनुमोदन आवश्यक होगा। आवेदन प्राप्त होने पर जिला कलेक्टर, जिला कार्यालय, जिला स्तरीय समिति के माध्यम से आवेदन पर विचार करने के बाद ही खदान संचालन का अधिकार दिया जाएगा। बिना प्रक्रिया की अनुमति  रेत खदानों या अन्य क्षेत्रों से अवैध उत्खनन, परिवहन, भण्डारण पर खान और खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।
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