Sawan 2023: श्रावण मास भगवान शिव के सबसे प्रिय माह में से एक माना जाता है। श्रावण मास का आरंभ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है। इस साल सावन मास 4 जुलाई से शुरू हो रहा है।
इस वर्ष का सावन कई मायनों में ख़ास रहने वाला है, क्योंकि इस बार सावन में अधिक मास भी है। ऐसे में पूरे दो मास सावन रहेंगे। माना जा रहा है कि ऐसा संयोग करीब 19 सालों के बाद बन रहा है।
इसके साथ ही 8 सोमवार पड़ने वाले हैं। भगवान शिव की पूजा के दौरान विभिन्न चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इन सब में भगवान शिव को बेलपत्र सबसे अधिक प्रिय है। माना जाता है कि सावन माह में भगवान शिव की उपासना करने के साथ बेलपत्र अर्पित करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है, साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है।
Sawan 2023/भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने के भी कई नियम है। जिनके बारे में व्यक्ति को जरूर पता होना चाहिए। आइए जानते हैं कि शिवलिंग में कैसे चढ़ाएं बेलपत्र।
अगर आपके पास अधिक मात्रा में बेलपत्र है, तो आप 11, 21, 51 , 101 या फिर इससे अधिक बेलपत्र चढ़ा सकते हैं। आप चाहे, तो 3 या फिर 5 बेलपत्र भी चढ़ा सकते हैं।
किस तरह हो बेलपत्र
बता दें कि बेलपत्र में तीन पत्तियां एक साथ जुड़ी होती है। तीन पत्तियां मिलकर एक बेलपत्र बनती है। इसलिए बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें।
किस तरह शिवलिंग में चढ़ाएं बेलपत्र
भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने के लिए सबसे पहले बेलपत्र को साफ पानी से धो लें। इसके बाद आप चंदन या फिर केसर को गंगाजल में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसके बाद साफ लकड़ी के द्वार हर एक बेलपत्र में ‘ऊं’ लिख दें। इसके बाद इन्हें लेकर शिवलिंग के ऊपर चिकनी ओर से चढ़ा दें और उभरा वाला हिस्सा ऊपर होना चाहिए।Sawan 2023
न चढ़ाएं ऐसी बेलपत्र
बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह गंदी न हो। इसके साथ ही किसी भी तरह के दाग-धब्बे या फिर की-फटी न हो। ऐसी बेलपत्र बिल्कुल भी न चढ़ाएं।
बेलपत्र न हो, तो करें ये काम
अगर किसी कारणवश आपके पास बेलपत्र नहीं है, तो शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग में चढ़ी बेलपत्र को उठाकर साफ पानी या फिर गंगाजल से धोकर पुन: चढ़ा दें। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।Sawan 2023