बेशर्मी की भी हद होती है…केशरवानी ने भाजपा नेता नितीन मांगा जवाब…यदि इन्हें बलिदानी कहें…तो अंग्रेजों से माफी मांगने वाला कौन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—भाजपा प्रदेश सह प्रभारी नितीन नवीन का पंडित नेहरू और महात्मा गांधी पर दिया गया बयान अब तूल पकड़ता जा रहा है। बताते चलें कि नितीन नवीन ने बिलासपुर स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि पंडित नेहरू का आजादी में कोई योगदान नही है। बल्कि सावरकर ने देश के लिए अपने रआप को बलिदान कर दिया। मामले में जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने बयान सुसने के बाद प्रेस नोट जारी कर बताया कि बेशर्मी की भी हद होती है। जबकि पूरा देश जानता है कि सावरकर अंग्रेजपरस्त थे। नितिन नवीन को बताना चाहिए कि यद सावरकर बलिदानी है तो अंग्रेजों से माफी मांगने वाले को क्या कहेंगे।

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भाजपा कार्यालय में आयोजित मीडिया संवाद और प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश भाजपा सह प्रभारी नितिन का नेहरू-गांधी और सावरकर-गोडसे पर दिया गया बयान धीरे धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। मीडिया में नीतिन का बयान सामने आने के बाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष ग्रामीण विजय केशरवानी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

नितीन नवीन के बयान पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि इस बात में शक नहीं है कि भाजपा और आरएसस अपने इतिहास को लेकर बहुत ही शर्मिन्दा है। सभी लोग जानते हैं कि आजादी के महापर्व में आरएसएस का कोई योगदान नही है। आजादी के आंदोलन में आरएसएस की भूमिका शून्य है। आएएसएस ने महात्मा को शहीद करने वाले गोडसे को जरूर पैदा किया। जाहिर सी बात है कि भाजपा नेता को भी अपने पितृ संगठन के करतूतो से शर्मिन्दा होनो पड़ता होगा। यही कारण है कि शर्मिन्दगी को ताक पर रखकर नीतिन नवीन  शायद झूठे शान में सावरकर को बलिदानी बताया। और नेहरू को आजादी के आन्दोलन से दूर रहने की बीत कही। 

विजय ने कहा कि नीतिन नवीन भाजपा के बड़े नेता है। लेकिन बड़ा नेता होने के लिए कुछ जानकारी भी होनी चाहिए। नेहरू से उनके चिड़ को समझा जा सकता है। उन्हें अच्छी तरह से पता है कि ना केवल जवाहर लाल नेहरू बल्कि मोती लाल नेहरू और इंदिरा गांधी और उनकी मां ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन करते हुए 43 साल तक जेल की सजा को भुगता है। उस समय सावरकर अंग्रेंजो की जी हुजूरी कर पेशन लेकर महंगे शोक फरमा रहे थे। 

विजय ने कहा कि इतना ही यदि भाजपा और आरएसएस देश भक्त हैं तो बताएं कि तीन बार लिखित माफी मांगने वाला व्यक्ति भारत छोड़ों आंदोलन का विरोध क्यों किया। आरएएस के मार्गदर्शक श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने बंगाल और सिन्धु में मुस्लिम लीग की सरकार को भारत छोड़ो आंदोलन के समय बर्खास्त क्यों नहीं किया। विजय ने दुहराया बेशक मोदी कहते हो कि बार बार झूठ बोलो लोग सच मानेंगे। लेकिन 15 लाख की तरह मोदी का यह बयान भी जुमला ही है।

पंडित जवाहर लाल नेहरू ने आजादी के आंदोलन में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उनके योगदान को देश कभी भूुला नहीं सकता है। यहां तक कि आरएसएस के कर्णधार भी। क्योंकि नेहरू ने देश के लिए जितना किया उतना शायद ही कोई सोच भी सकता है। रही बात गांधी की तो पूरी दुनिया जानती है कि गांधी मानव नहीं बल्कि महामानव है। जिस राम की आज भाजपा नेता दुहाई दे रहे हैं…जब आरएसएस परस्त गोडसे ने हत्या कि उस समय भी उनके मुंह से राम निकला। क्या भाजपा नेता इसे झुठता सकते हैं। सच तो यह है कि सावरकर अवसरवादी आरमपरस्त और अंग्रेजों के चाटुकार थे। सावरकर ना तो पहले और ना अब…और ना ही भविष्य में नेहरू के बराबर था है और होगा।

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