VIDEOःएनटीपीसी पर गंभीर आरोप..प्रबंधक ने किसान से कहा..जाओ..मुख्यमंत्री से भी शिकायत करो..किसी से नहीं डरता..विक्रांत ने दी आंदोलन की धमकी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—धान का कटोरा कहलाने वाले छत्तीसगढ़ में किसान का बेटा मुख्यमंत्री है। और छत्तीसगढ़ का किसान बेटा किसानों के हित में फैसले को लेकर एक पल भी देर नहीं करता है। जी हां आज प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की यही पहचान भी है।  बावजूद इसके शायद मुख्यमंत्री तक एनटीपीसी प्रताड़ित किसानों का दर्द अब तक नहीं पहुंचा है। जिसके कारण प्रताड़ित किसान कभी एनटीपीसी प्रबंधन के दरवाजे पर नाक रकड़ता है तो कभी प्रशासन की देहरी पर हाजिरी देता है। लेकिन परिणाम ठाक के तीन पात ही होता है।
 
           NTPC से प्रताड़ित किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता ही जा रहा है। प्रताड़ित किसानों की फेहरिस्त भी लम्बी होती जा रही है। ऊपर से किसानों को प्रबंधन धमकी देने से बाज भी नहीं आ रहा है। बेलगाम एनटीपीसी ने किसानों के खेतों को राखड़ की नदी बना दिया है। ऊपर से प्रबंधन का तुर्रा कि किसान चाहें तहसीलदार से शिकायत करें या कलेक्टर से…उन्हें मुख्यमंत्री से भी डर नहीं है।
 
खेत को बना दिया राखड़ बांध
 
       NTPC प्रबंधक से प्रताड़ित गतौरा निवासी किसान महेश जायसवाल ने बिलासपुर आज़ाद मंच के प्रमुख विक्रांत तिवारी के साथ शिकायत लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। कलेक्टर से मुलाकात नहीं होने पर महेश ने पत्रकारों के सामने अपनी पीड़ा को साझा किया। किसान ने दस्तावेज के साथ बताया कि उसकी 3 एकड़ 86 डियामिल ज़मीन है। जमीन में 12 महीना 10 से 15 फिट राखड़ भरा रहता है। शर्त के अनुसार हर साल एनटीपीसी प्रति एकड़ 50 हजार रूपए क्षतिपूर्ति राशि देता है। लेकिन प्रबंधन अब क्षतिपूर्ति राशि देने से साफ मना कर दिया है।
 
क्षति पूर्ति राशि देने से इंकार
 
              महेश ने बताया कि करीब ऐसे 453 किसानों को शर्त के अनुसार हर साल एऩटीपीसी की क्षतिपूर्ति राशि देता है। महेश ने जानकारी दी कि उसके पिता का देहांत जनवरी 2021 में हो गया. जमीन का फौती भी उठाया। लेकिन NTPC प्रबंधन ने अपनी कलाबाज़ी दिखाते हुए3 एकड़ 86 डिसमिल ज़मीन को 2 एकड़ 97 डिसमिल कर दिया। क्षतिपूर्ति मुआवज़ा भी घटा दिया। मामले की शिकायत की। लेकिन एऩटीपीसी ने अपमानित कर भगा दिया । तहसीलदार से शिकायत की। पटवारी ने नाप जोखकर 3 एकड़ 97 डिसमिल का प्रतिवेदन भी दिया। लेकिन एनटीपीसी ने घटाई जमीन का क्षतिपूर्ति राशि देने से साफ इंकार कर दिया। और तहसीदरा की रिपोर्ट के बाद भी NTPC ने रकबा सुधारने से भी मना कर दिया।
 
प्रबंधन ने कहा सीएम से भी नहीं डरता
 
          अपनी परेशानियों को साझा करते हुए महेश ने बताया कि NTPC प्रबंधक अरुण भुक्कड के सामने बहुत गिड़गिड़ाया। लेकिन उन्होने अभद्र व्यवहार कर भगा दिया। उन्होने कहा कि तेरा बाप मर गया है इसलिए ज़मीन भी कम हो गई है.. जा जो करना है करले। भुक्कड़ ने यह भी कहा कि मैं ना तो तहसीलदार की बात मानता हू..और कलेक्टर की बात..तेरा काम मुख्यमंत्री भी नहीं करवा सकता है।
 
              मामले में आजाद मंच के अध्यक्ष विक्रांत तिवारी ने बताया कि महेश जायसवाल के साथ हो रहे अन्याय की वजह जानने NTPC प्रबंधक अरुण भुक्कड को फोन लगाया। उन्होंने अभद्रता पूर्ण तरीके से बात करते हुए कहा कि जो करना है करलोर.. जिससे शिकायत करनी है करलो ..मुझे फर्क नही पड़ता, हमे जो करना है हम करेंगे ।
 
प्रभारी मंत्री से करेंगे शिकायत
            विक्रांत तिवारी ने कहा कि दस्तावेज लेकर किसान के साथ कलेक्टर से मिलने गया। लेकिन मुलाकात नहीं हुई। जल्द ही मुलाकात कर मामले की जानकारी प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल और कलेक्टर सारांश मित्तर को देंगे। किसान के लिए न्याय की मांग करेंगे।
 
किसान आंदोलन की धमकी
     
    विक्रांत ने बताया कि NTPC प्रबंधन की तमाम शिकायतें मिलती रही हैं। शिकायत पर  प्रबंधक अरुण भुक्कड किसानों के साथ अमर्यादित व्यवहार करते हैं। बातचीत के दौरान जानकारी हुई कि भुक्कड़ अपने आप को प्रदेश के मुखिय से ऊपर मानते हैं। तहसीलदार , पटवारी और  राजस्व निरीक्षक के प्रतिवेदन उनके लिए कोई मायने नहीं रखता है। जल्द ही आज़ाद मंच के झंडे तले एनटीपीसी प्रबंधन को किसान आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।

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