जनता कांग्रेस की पीएम पर चढ़ाई…कहा बदला लेने बंंद कर दिया दाल-भात केन्द्र…राज्य सरकार करे घोटले की जांच

BHASKAR MISHRA
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रायपुर—जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रवक्ता ने मोदी सरकार की नियत और नीति पर सवाल उठाएं है। प्रेस नोट जारी कर कहा कि सालों से छत्तीसगढ़ में दाल – भात केंद्र ग़रीबों के लिए खुलवाए गए थे। उसे बन्द कर दिया गया। केन्द्र से ग़रीबों को 5 रूपए में दाल – भात आसानी से मिल जाता था। लेकिन नई नवेली भूपेश सरकार ने बंद कर दिया। सरकार की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी ने 2 किलो रूपए में जो चावल छत्तीसगढ़ को केंद्र मिलता था उसे उसे बंद कर दिया है।

                            संजीव ने कहा कि, अब लाज़मी है कि छत्तीसगढ़ में अपनी करारी हार के बाद भाजपा ज़मीन तलाशने में लगी हुई है। लेकिन मोदी जी ने जिस प्रकार से अपनी विश्व गुरु की छवि बनाई है वह पूरी तरह से खोखली साबित होती है। इस बार उन्होंने सीधा छत्तीसगढ़ की ग़रीब जनता के पेट पर लात मारा है।

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                        संजीव अग्रवाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी जो कि अपने आप को कभी चाय-वाला तो कभी चौकीदार…तो कभी ग़रीब का बेटा और ना जाने क्या क्या कहते हैं। इस बार छत्तीसगढ़ के ग़रीब मज़दूर और मजबूर जनता के मुंह से निवाला छीन लिया है। केंद्र से आवंटित होने वाले चावल पर रोक लगा दी है। अब एक तरफ नई नवेली भूपेश सरकार का बयान है कि दाल – भात केंद्र की योजना में बहुत बड़े पैमाने पर घोटाला हो रहा था। दूसरी तरफ केंद्र ने 2 प्रति किलो चावल का आवंटन छत्तीसगढ़ को जो होता था…उसे रद्द कर दिया है।

                देखने वाली बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी की रशा कशी में छत्तीसगढ़ का मज़दूर और मजबूर व्यक्ति पिस रहा है। 5 रूपए में दाल – भात मिलता था, राज्य सरकार ने बंद कर दिया है। वजह चाहे जो भी हो नुकसान बेचारे मजबूर और मज़दूर का हुआ है। जो कि ग़रीबी रेखा से नीचे है और रोज़ कमाते और पेट पालते हैं।

                             संजीव अग्रवाल ने मांग की है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार अगर कहती है कि योजना में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। इसलिए घोटाले की तत्काल जांच हो। दोषियों को सीधा जेल की सलाख़ों के पीछे भेजा जाए। वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर ग़रीबों का भोजन ना रोका जाए। दाल – भात केंद्र की योजना को पुनः शुरू कर गरीबों का भला किया जाए। भूपेश सरकार को चुनाव आयोग की सहमति लेकर कलेक्टर की निगरानी में योजना को जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए। 

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