मीडिया से दूर दानवीरों की टीम ने किया गांव को फोकस..कैम्प लगाकर कर रहे राशन वितरण..कोरोना से बचने बता रहे मंत्र

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- कोरोना वायरस प्रकोप के बाद और लाकडाउन से प्रभावित लोगों की सहायता में शासन प्रशासन ही नहीं बल्कि दानवीरों ने भी कोई कसर बाकी नहीं रखा है। शहर के कोने कोने में कुछ लोग सबके सामने तो कुछ लोग मीडिया से दूर गरीबों के बीच राशन का वितरण कर रहे हैं। काठाकोनी और सलमपुरी में ग्रामीणों के बीच नगर के गणमान्य लोग खुद मौजूद होकर ना केवल राशन का निशुल्क वितरण कर रहे हैं। बल्कि हर संभव लोगों की सुविधाओं का ध्यान भी रख रहे है। इसके अलावा लोगों को शासन प्रशासन के निर्देशों का सख्ती से पालन करने की सलाह भी दे रहे हैं।

               लाकडाउन के बाद शासन प्रशासन के साथ ही शहर के गणमान्य लोग अपने स्तर पर लोगों को यथासम्भव मदद कर रहे हैं। कुछ लोग मीडिया से दूर ग्रामीणों के बीच सेवा कार्य को अंजाम दे रहे हैं। ग्राम सलमपुरी और काठाकोनी के ग्रामीणों के बीच सुधीर जैन, स्वप्निल नाहर, जिनेंद्र जैन, आशीष मिश्रा की टीम पिछले तीन दिनों से कैम्प लगाकर राशन बांट रहे हैं। गांव सरपंच राजेश कौशिक और कोटवार सियाराम के  माध्यम से गांव के एक एक गरीब और जरूरत मंदों के बीच टीम के सदस्य राशन पहुंचा रहे हैं। 

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                       सुधीर जैन, स्वप्निल नाहर, जिनेंद्र जैन, आशीष मिश्रा ने बताया कि शहर में शासन प्रशासन सेवा कार्य को बेहतर तरीके से अंजाम दे रहा है। लेकिन गांव की तरफ ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है। क्योंकि लाकडाउन के बाद ग्रामीण जन जीवन भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। चूंकि बाजार पूरी तरह से बन्द है। ऐसे में गरीबों के सामने भोजन की चिंता बढ़ना लाजिम है। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखकर हमने सलमपुरी और काठाकोनी में राहत कैम्प लगाया है। कोटवार और सरपंच के माध्यम से गरीब और दिहाड़ी मजदूरों के अलावा निःजनों के बीच राशन पहुंचा रहे हैं। लोगों को समझाइश भी दे रहे हैं कि कोरोना गंभीर बीमारी है। इससे बचने का एक मात्र उपाय घर से नहीं निकलना है। शासन प्रशासन के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए।  एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के साथ ही भीड़ भाड़ क्षेत्र में जाने से बचा जाए। लोग बेवजह घर से बाहर निकलने से बचें।
 
         सुधीर जैन, स्वप्निल नाहर, जिनेंद्र जैन, आशीष मिश्रा ने बताया कि सेवा का अवसर बार बार नहीं मिलता है।हम लोगों ने मीडिया से दूर रहते हुए गांव को अपना बेस बनाया। बेसहारो के बीच रोजाना  निशुल्क अनाज, शक्कर तेल आलू समेत अन्य जरूरी सामानों को वितरित कर रहे हैं। पता भी लगा रहे है कि कोई भी व्यक्ति घर में भूखा ना सोए।
 
               टीम के सदस्यों ने जानकारी दी कि लाकडाउन के बाद गरीब और दिहाड़ियों के सामने खाद्य पदार्थों का भयंकर  संकट है। शहर से लेकर गांव तक कमोबेश कई संगठन अपने स्तर पर गरीबों की सेवा कर रहे हैं। हमने अपना कैम्प सलमपुरी और काठाकोनी को बनाया । अब हम ऐसे गांव का भी पता लगा रहे हैं जहां अभी तक शासन की सुविधा किन्ही कारणों से नहीं पहुंची है।
 
               टीम के सदस्यों के सदस्यों के अनुसार दोनो गांवों में मिलाकर रोजाना करीब 125 से अधिक परिवार में खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। यह भी बताया कि शहर से कहीं ज्यादा बुरी स्थिति ग्रामीणों की है।क्योंकि ग्रामीणों के पास आय का कोई साधन नहीं है।
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