बिलासपुर—प्रदेश मुखिया के सख्त निर्देश और जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई के बाद रेतमाफिया जहां तहां दुबक गए हैं। लेकिन कार्रवाई के बीच वैध ठेकेदारों ने जनता का जेब काटना शुरू कर दिया है। रेत का दाम अघोषित रूप से तीन से चार गुना बढ़ गया है। जिसके चलते उपभोक्ता परेशान और ठेकेदारों की चांदी कट रही है। बताया जा रहा है कि वैध ठेकेदारों की काली करतूतों को कुछ रसूखदारों का भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है।
माफियों पर ताबडतोड़ कार्रवाई
जानकारी देते चलें कि पिछले दिनों प्रदेश के मुखिया भूपेश ने रेत माफियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए कार्रवाई का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि यदि रेत का अवैध उत्खनन की शिकायत मिली तो कलेक्टर और पुलिस कप्तान जिम्मेदार होंगे। फिर क्या था…प्रदेश समेत बिलासपुर जिला प्रशासन ने निर्देशों का पालन करते हुए रेत माफियों के खिलाफ ताबड़तोड़ अभियान चलाया। कार्रवाई से रेत माफियों की हवा हवाई उड़ने लगी।
संयुक्त टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाई
बिलासपुर जिला प्रशासन की संयुक्त टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाई से रेतमाफियों को घर में दुबकने को मजबूर होना पड़ा है। टीम ने कार्रवाई कर रेत का अवैध पहाड़ बरामद किया। इसके अलावा जहां तहां रेत का अवैध परिवहन करते ट्रैक्टर और हाइवा को भी पकड़ा। लाखों रूपयों की पेनाल्टी भी ठोंका।
कार्रवाई के बीच वैध रेत माफियों ने मौका देख बेइमानी का नया खेल शुरू कर दिया। ऐसे रेत ठेकेदार जिनकी लीज खत्म हो गयी थी। उन्होने मौके का फायदा उठाते हुए आनन फानन में खदान का लायसेंस रीनिवल करवाया। यह जानते हुए भी कि खदान में रेत नहीं है। बावजूद इसके शुल्क जमा कर घाट का नवीनीकरण कराया। साथ ही बेईमानी का नया फार्मुला तैयार कर जनता के साथ प्रशासन को लूटना शुरू कर दिया।
रेत नहीं फिर भी अवैध उत्खनन
बताते चलें कि घुटकू स्थित सिंगारबाड़ी रेत घाट में अब रेत नहीं है। बावजूद इसके घाट ठेकेदार सौरभ श्रीवास ने लायसेंस रीनिवल कराया। और स्वीकृत घाट के बगल से ताबड़तोड़ रेत का अवैध उत्खनन शुरू कर दिया। मजेदार बात है कि इसकी जानकारी ना तो खनिज प्रशासन को है और ना ही जिला प्रशासन को ।
चार पांच गुना वसूली
स्टिंग आपरेशन के दौरान पाया गया कि ठेकेदार की मनमानी से जनता हलाकान है। ठेकेदार ने निर्धारित रायल्टी से रेत का दाम तीन से चार गुना कर दिया है। खदान ठेकेदार एक हाइवा रेत के लिए चार से पांच हजार वसूल रहा है। जबकि खनिज विभाग की रॉयल्टी मात्र 1335 रुपए ही है। इसी तरह एक ट्रैक्टर रेत के लिए 15 सौ रूपया लिया जा रहा है। जबकि एक ट्रैक्टर रेत की रॉयल्टी तीन सौ रूपए है।
वैध ठेकेदारों का अवैध कारोबार
इस तरह वैध रेत ठेकेदार तीन से चार गुना ज्यादा वसूली कर रहे है। रेत के धंधे से जुड़े कारोबारियों ने बताया कि घुटकू रेत घाट से प्रतिदिन सौ हाईवा और 4 सौ ट्रेक्टर रेत निकाला जा रहा है। मतलब वैध ठेकेदार को अवैध रेत घाट से प्रतिदिन लाखों रूपयों की अवैध कमाई हो रही है। और इसका भार सीधे तौर पर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। उपभोक्ताओं को एक हाइवा रेत के लिए चार हजार रूपयों की जगह 10 हजार और एक ट्रैक्टर रेत के लिए 2 हजार की जगह चार हजार देने को मजबूर होना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री के इरादों पर वैध ठेकेदारो ने फेरा पानी
कुल मिलाकर रेत से जुड़े वैध-अवैध दोनों तरह के कारोबारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंसूबे पर पानी फेर रहे है। जबकि मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को मामूली कीमत में रेत दिलाना चाहते है। रेत माफियों के खेल से अंजान खनिज और जिला प्रशासन की टीम ताबड़तोड़ कार्रवाई में व्यस्त है। तो वहीं वैध ठेकेदार भी ताबड़ तोड़ अवैध कमाई में मशगुल है। आम आदमी परेशान और हालाकान है।