शिक्षकों पर फोड़ रहे खुद की नाकामी का ठीकरा, शिक्षा सचिव के बयान की निंदा

Shri Mi
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रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग का राज्य स्तरीय वेबिनार में शिक्षको के लिए दिए गए विवादित निर्देश का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने शिक्षा प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला के वक्तव्य की कड़ी निंदा करते हुवे है कहा है कि उनके द्वारा हमे निकम्मा कह कर वे अपनी अकर्मण्यता, NGO से सांठगांठ और नवाचारों की असफलता का ठीकरा हम शिक्षकों पर फोड़ने का कलुषित प्रयास कर रहे है जिसका सभी संगठन एक होकर पुरजोर विरोध करेंगे।

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केदार जैन ने प्रेस नोट में कहा है कि शिक्षा सचिव ने मर्यादा की सारी सीमा लांघ कर अपनी भाषा और पदीय गरिमा को तार तार करते हुए स्वयम की नाकामियों का ठीकरा शिक्षकों पर फोड़, उन्हें निकम्मा बताकर बकायदा दंड के लिए राज्य भर के संकुल समन्वयकों से तत्काल10 – 10 सुझाव देने का मौखिक निर्देश जारी कर दिया है। ये कौन सा नियम है। राज्य की बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था के लिए पदलोलुप अफसरशाही की नित नए अविष्कार और शिक्षकों को बंधुवा मजदूर समझने की मानसिकता जिम्मेदार है ।

शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला को संयुक्त शिक्षक संघ ने याद दिलाते हुवे कहा है कि वे जरा अपने दिमाग पर जोर डालें क्योंकि प्रदेश के जिन शिक्षकों को वे निकम्मा बता रहे है उन्ही शिक्षकों के बलबूते कई कीर्तिमान स्थापित हुए है।

केदार जैन ने क्रमबद्ध तरीक़े से बताया कि 1 केंद्र सरकार से कई अवार्ड लेकर प्रदेश में काबिल IAS अफसरों के होते हुए सेवानिवृत्त के बाद भी कुर्सी पर विराजमान है ।

2 प्रदेश का हर शिक्षक अध्ययन-अध्ययन के अतिरिक्त विद्यालय में छात्र / छात्रओं के प्रवेश से लेकर परीक्षा परिणाम की सम्पूर्ण जानकारी ऑनलाइन अपलोड कर एक डाटा एंट्री ऑपरेटर के कार्य का भी निर्वहन करता है वो भी स्वयं के साधन व व्यय पर ।

3 ऑनलाइन छात्रवृत्ति स्वीकृति से लेकर छात्रों के विज्ञान गणित के आईडिया अपलोड का कार्य कर एक क्लर्क का कार्य भी प्रदेश के शिक्षकों के द्वारा किया जाता है वह भी स्वयं के साधन एवं खर्चे पर ।

4 प्रदेश का हर शिक्षक एक फोटोग्राफर की भातिं हर आयोजनों की फोटो एवं वीडियो आप तक भेजते है वह भी स्वयं के साधन और व्यय से ।

5 प्रदेश के शिक्षकों के द्वारा ही हर तुगलकी फरमान को स्वयं के साधन एवं व्यय पर पूरा किया जाता है चाहे बच्चों को घर – घर जाकर पुस्तक, ड्रेस सूखा राशन पहुचाना हो या फिर द्वार और अंगना में शिक्षा देना। बच्चे की कौन कहे उनके माता पिता तक की उन्मुखीकरण की जिम्मेदारी भी शिक्षक ही निभाते है ।

6.राज्य /राष्ट्रीय स्तर पर कोई आपदा हो या कोई महाअभियान प्रदेश के शिक्षकों पर ही जिम्मेदारी सौंप दी जाती है और प्रदेश का हर शिक्षक अपना सर्वोत्तम देकर कार्य की पूर्णता देता है*
सचिव महोदय को यह ज्ञात हो कि प्रदेश का हर शिक्षक बहुआयामी प्रतिभा का धनी है शिक्षक से लेकर डाटा एंट्री ऑपरेटर , क्लर्क ,एकाउंटेंट ,फोटोग्राफर के दायित्यों का निर्वहन एक साथ करते है प्रदेश के शिक्षक तब जाकर उन जैसे अफसर सेवानिवृत्त के बाद भी अपनी कुर्सी पर विराजमान रह पाते है।
संघ ने कहा है कि आलोक शुक्ला को अब स्व चिंतन करें कि विद्यालय में शिक्षकों की पद स्वीकृति पदस्थापना से लेकर अध्ययन- अध्ययन का तरीका समय दिन आप तय करते है तो असफलता के लिए सिर्फ शिक्षक दोषी और निकम्मा कैसे , विद्यालय हो या संकुल या जिला, खरीदी से लेकर परिवहन तक सब आप करते है गुणवत्ता खराब तो शिक्षक दोषी क्यों, योजना बनाते आप NGO चुनते आप शिक्षा का स्तर गिरता है तो शिक्षक दोषी क्यों ।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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