तीन दिन मंथन के बाद…केन्द्र को भेजा गया 3 प्रस्ताव..भारतीय किसान संघ ने कहा…बजट ने किया मायूस..11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों का करेंगे घेराव

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—जयपुर स्थित खाटू श्याम में अखिल भारतीय तीन दिवसीय मंथन के बाद भारतीय किसान संघ के नेताओं ने केन्द्र सरकार को तीन प्रस्ताव भेजा है। साथ ही स्पष्ट किया है कि केन्द्रीय बजट से भारत के किसानों में गहरी मायूसी है। केन्द्र सरकार का बजट देश और खासकर किसानों की उम्मीद की कसौटी पर खऱा नहीं है। जब तक किसानों को फसल लागत मूल्य नहीं दिया जाता है तब तक किसानों का कल्याण की कल्पना भी संभव नही है। बैठक के बाद किसान संघ नेताओं ने केन्द्र सरकार को किसानों की स्थिति और परिस्थिति सुधार को लेकर तीन प्रस्ताव तैयार कर भेजा है। साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से सड़क पर उतरने का एलान भी किया है।
बीती दिनो राजस्थान के जयपुर स्थित खाटू श्याम में भारतीय किसान संघ का तीन दिवसीय राष्ट्रीय म्ंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।भारतीय किसान संघ बिलासपुर जिला ईकाई प्रमुख धीरेन्द्र दुबे के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सम्मेलन में 38 प्रांतों के 800 से अधिक किसान संघ पदाधिकारियों ने शिरकत किया। इस दौरान प्रतिनिधि सभा में किसानों के हितों से जुड़े 15 प्रमुख बिन्दुओं को केन्द्र में रखकर कार्ययोजना तैयार किया गया। इसके अलावा मंथन के बाद केन्द्र सरकार को तीन प्रस्ताव भी भेजा गया।
आंदोलन और एगा..तब तक किसानों के उत्थान संभव नहीं है। 
*किसान संघ की मांगे देश की कृषि व किसान की दशा व दिशा बदलने वाली हैं- दिनेश कुलकर्णी, अखिल भारतीय संगठन मंत्री*
*केंद्रीय बजट हमारी व देश के किसानों की उम्मीद के मुताबिक नहीं*
*तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा में पारित हुये तीन प्रस्ताव।*
*ब्लैडिंग के नाम पर मिलावट का कानूनी प्रावधान बंद हो। कृषि अनुसंधान क्षेत्र में सरकारी निवेष बजट में बृद्वि की जाये।*
जयपुर/खाटूश्याम  9 फरवरी- भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार से प्रारंभ होकर गुरूवार को जयपुर खाटू श्याम की जयपुर धर्मशाला में संपन्न हुई।
धीरेन्द्र दुबे के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार किसान संघ की तीन दिवसीय बैठक में संगठन के कार्य विस्तार करने की योजना को चर्चा हुई। समापन सत्र को भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने संबोधित किया। दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि दिल्ली में किसान गर्जना रैली के बाद संघ की प्रतिष्ठा और किसानों के विश्वास में इजाफा हुआ है। सरकार को किसानों की ताकत का अहसास हुआ है। चेतावनी लहजे में किसान नेता ने दुहराया कि किसानों की मांगो पर सरकार को गंभीरता के साथ विचार करना होगा।
कुलकर्णी ने कहा कि केंद्रीय बजट किसी भी सुरत में देश के किसानों की उम्मीद के अनुरूप नहीं है। जबकि हमने जो चार मांगे सरकार के सामने पेश किया था। देश की कृषि और किसान की दशा और दिशा बदलने वाले थे। जैविक और प्राकृतिक खेती पर फैल रहे भ्रम पर कुलकर्णी ने कहा कि गौ आधारित खेती करते हुए हमें आगे बढ़ना है। अलग से जैविक पदार्थाे का निर्माण और उपयोग की आवश्यकता नहीं है।
भारतीय किसान संघ अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह ने संगठन के कार्य विस्तार और सदस्यता की कार्ययोजना पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक का संचालन राष्टीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने किया। नवनियुक्त किसान संघ के राष्टीय कार्यकारी अध्यक्ष रामभरोस बसोतिया ने बताया कि एक लाख ग्रामसमितियों में एक करोड़ की सदस्यता का  संकल्प भारतीय किसान संघ ने लिया है। सम्मिलित प्रयास से हम लक्ष्य को हासिल करेंगे। 
प्रतिनिधि सभा में पारित हुए तीन प्रस्ता
किसान नेता धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि किसान संघ प्रतिनिधि सभा ने कृषि और किसान विषयों पर चिंतन के बाद तीन प्रस्ताव पारित किया। अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मिश्र ने बताया कि प्रस्ताव को केंद्र सरकार को उचित कार्यवाही के लिये भेजा जायेगा।
1)  अंतरराष्टीय मिलेट बर्ष के अवसर पर श्री अन्न संबंध में पारित प्रस्ताव पर कहा गया कि मोटे अनाज के बीज की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए। श्री अन्न में पोषक तत्व दीर्घ अवधि तक सुरक्षित रहने के गुण को देखते हुए भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। मोटे अनाजों के प्रसंस्करण और अनुसंधान ध्यान दिया जाए। मध्यान्ह भोजन योजना‘‘ में श्री अन्न को शामिल किय जाए।
2) कृषि अनुसंधान में सरकारी निवेश पर जोर दिया जाए। लघु और सीमांत किसानों को लाभ देने उद्यमिता और स्वरोजगारन्मुखी नीति बनायी जाए। कृषि में उच्च वृद्वि दर्ज करने अनुसंधान बजट में वृद्वि की जाये। भौगोलिक सूचक उत्कृष्ट क्षेत्र, जल, पशुपालन, फसल अवशेष एवं मूल्य सम्वंर्धन तथा एकीकृत कृषि पद्वति पर आधारित शोध में संशोधन किया जाए।
3) भारतीय एग्रो इकानामिक रिसर्च सेंटर के राष्टीय अध्यक्ष प्रमोद चौधरी ने तीसरा प्रस्ताव पेश किया। उन्होने बताया कि ब्लैडिंग के नाम पर मिलावट का कानूनी प्रावधान बंद हो। खाद्य तेलों में ब्लैडिंग को खत्म कर मिलावट को अपराध की धारा में शामिल किया जाए। तिलहन उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये अच्छे दामो पर खरीद सुनिश्चित हो। तिलहन और खाद्य तेलों के आयात पर अधिकतम आयात शुल्क लगायी जाए। तिलहन की खेती करने वाले किसान को प्रोत्साहन राशि दिया जाए। जिससे किसान की उत्पादन लागत कम हो सके।
11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ प्रदर्शन
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने पत्रकारों को बताया कि सरसों उत्पादक राज्यों में जी एम सरसों के विरोध किया जाएगा। भारतीय किसान संघ 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा। जी एम सरसों देश के किसानों, कृषि, पर्यावरण व नागरिकों के स्वास्थ्य के लिये नुकसानदायक है। पुरूष नपुंशकता के आधार पर तैयार बीज कैंसर को पैदा करने वाला है। सरकार को अपना फैसला वापस लेना होगा। 
फरवरी में केंद्रीय कृषि लागत और मूल्य आयोग की बैठक
किसान नेता धीरेन्द्र के हवाले से मिली खबर के अनुसार भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मिश्र ने प्रतिनिधि सभा को बताया कि  दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित रैली में किसान संघ ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया था। किसानों ने लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य,कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त करने, किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी, और जीएम सरसों की अनुमति वापिस लिए जाने के लिए कहा था। लागत आधारित लाभकारी मूल्य की मांग पर कार्यवाही करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने आदेश दिया है कि कृषि लागत और मूल्य आयोग के साथ किसान संगठनों की बैठक फरवरी में होगी। बैठक में भारतीय किसान संघ को भी दो प्रतिनिधि भेजने को कहा गया है। 
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