मुद्दा नहीं तो…गरीबों की भावनाओं से खेल शुरू..कांग्रेस नेता ने जनता को किया सावधान..फार्म भरने से पहले..सूची जरूर देखें

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बिलासपुर—चुनाव नजदीक आने के साथ ही भाजपा नेताओं ने पंजीरी बांटने के साथ जनता की भावनाओं के साथ खेल शुरू कर दिया है। ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर भाजपा के नेताओं ने एक समय बोनस का खेल खेला। अब फार्म भरवाकर आवास का खेल शुरू कर दिया है। जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने निधाना साधते हुए कहा कि जब  6 महीने चुनाव को रह गए हैं..ठीक उसी समय भाजपा नेताओं को आवास की याद आ रही है। यही कारण है कि जनता ने भाजपा नेताओं को सरकारी आवास से उठाकर बाहर फेंक दिया है। जनता सब जानती है। इस बार भी भाजपाइयों की दाल नहीं गलने वाली है।
जिला पंचायत सभापति ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि ठीक चुनाव के 6 महीने पहले भाजपा नेताओं को आवास योजना की याद सताने लगी है। उन्हें सबसे पहले जानकारी होनी चाहिए कि आवास योजना राज्य बल्कि केन्द्र सरकार की योजना है। उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि पन्द्रह साल तक किसानों को बोनस के नाम पर वाली भाजपा की करनी और कथनी को जनता अभी भी नहीं भूली है। 
गौरहा ने कहा कि जनमानस को सूप बोले चलनी बोले..जिसमें 72 छेद वाले मुहावरे अर्थ अच्छी तरह मालूम है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी विधानसभा घेराव की तैयारी कर रही है…जो समझ से पूरी तरह परे है। दरअसल आवास के नाम पर विधानसभा घेराव के बहाने भारतीय जनता पार्टी जनाधार को तलाश रही है। जनता भाजपा नेताओं के मंसूबों को अच्छी तरह समझ रही है। चुनाव के पहले प्रलोभन दिया है कि गरीबों के 16 लाख़ आवास बनाकर देंगे। जबकि सबको मालूम है कि यह किसी भी सूरत में सम्भव नहीं है।
जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने बताया की पिछले चार सालों में भाजपा के पास एक भी मुद्दा नहीं है कि कांग्रेस सरकार को घेर सके। चुनाव को 6 महीना बाकी है। आवास के नाम पर भोले-भाले ग्रामीणों को एक बार फिर बोनस की तरह बरगलाया जा रहा है। जबकि जनता भाजपा की नौटंकी देखने को तैयार नहीं है।
ग्रामीणों को दिया जा रहा प्रलोभन
अंकित ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता  ग्रामीणों को आवास दिलाए जाने के नाम पर गांव गांव पहुंचकर फर्जीवाड़ा कर रहे है। भोले भाले ग्रामीणों से जबरदस्ती ना केवल फार्म भरवाया जा रहा है। बल्कि अंगूठा भी लगवाया जा रहा है। जबकि सभी लोग जानते हैं जिसका नाम 2011 जनगणना के अनुसा्र पात्र लोगों को ही आवास दिया जाना है। जिनका नाम  गरीबी में रेखा में शामिल होगा उन्हें ही आवास दिया जाएगा।
अंकित ने दुहराया कि जब तक सर्वे का  काम पूरा नहीं होता है। पात्र लोगों की नई सूची नहीं बनती है। तब तक आवास का आवंटन मुश्किल है। बावजूद इसके सबकुछ जानते हुए भी भाजपाइयों की ओछी राजनीति समझ से परे है। सच तो यह है कि भाजपा नेता गलतियों पर गलतियां कर रहे हैं। जाहिर सी बात है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में ऐसी ओछी राजनीति नहीं चलने वाली है।
फार्म भरने से पहले आवास सूची जरूर देखें
जिला पंचायत सभापति ने कहा कि ग्रामीणों से निवेदन है कि फार्म भरने से पहले पात्रता सूची में अपना नाम जरूर देखें। क्यों कि इसी तरह के एक फर्जीवाड़े में भाजपा के एक पार्षद ने आत्महत्या किया है। भाजपा के ही एक पार्षद को जेल जाना पड़ा है। यदि सूची में नाम है तो निगम कार्यालय पहुंचकर आवेदन करें। साथ ही फर्जीवाड़ा  करने वाले भारतीय जनता पार्टी नेताओं से सावधान भी रहें। 
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