नाराज किसान CEO चैम्बर में जमीन पर बैठे…15 दिनों का दिया अल्टीमेटम…धीरेन्द्र ने कहा..किसानो का हुआ अपमान..मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा..अमानित करने का सवाल ही नहीं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—भारतीय किसान संघ जिला प्रमुख धीरेन्द्र दुबे की अगुवाई में किसानों ने कलेक्टर और सहकारी बैंक सीईओ कार्यालय पहुंचकर किसानों की राशि ग़डपने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। किसान नेता धीरेन्द्र दुबे ने प्रतिनिधिमंडल के साथ कलेक्टर से मुलाकात कर बताया कि सहकारी बैंक तोरवा शाखा से किसानों का लाखों रूपए कूटरचना कर निकाला गया है। अभी तक आरोपियों के खिलाफ यथोचित कार्रवाई नहीं हुई है। इसके अलावा किसान नेताओं ने सहकारी बैंक सीईओ चैम्बर में  जमीन पर बैठकर सीईओ के खिलाफ नाराजगी जाहिर किया। धीरेन्द्र दुबे ने कहा कि यदि तोरवा मंडी शाखा में किसानों की अमानत में खयानत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है और उनकी आठ सूत्रीय मांगो का निराकरण नहीं होता है तो जिले के सभी किसान उग्र आंदोलन करेंगे। 
कलेक्टर से मिला आश्वासन
भारतीय किसान संघ के नेताओं ने जिला प्रमुख धीरेन्द्र दुबे की अगुवाई मे कलेक्टर कार्यालय और सहकारी बैंक कार्यालय पहुंच कर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के नाम पत्र कलेक्टर सौरभ कुमार को आठ सूत्रीय मांग पत्र ददिया। धीरेन्द्र ने अवगत कराया कि तोरवा स्थित जिला सहकारी बैंक शाखा कूट रचना कर किसानों की राशि को हड़पा गया है। मामले में अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है। 15 दिनों के भीतर यदि गरीब किसानों का भुगतान नहीं किया गया तो किसान उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे। इसके लिए जिला सहकारी बैंक जिम्मेदार होगा।
कलेक्टर से मुलाकात के बाद किसान प्रतिनिधि मण्डल जिसा सहकारी बैंक पहुंचे। चैयरमैन प्रमोद नायक की अनुपस्थिति में किसानों ने परिसर में जमकर नारेबाजी को अंजाम दिया। करीब आधा घण्टा बीत जाने के बाद नाराज किसान सीईओ कार्यालय में दाखिल होकर नाराजगी को जाहिर किया।
सीईओ के प्रति किसानों ने जताया आक्रोश
करीब आधे घण्टे सहकारी बैंक स्थित परिसर में नारेबाजी के बाद भी सीईओ से जवाब नहीं आने पर अपनी मांग को लेकर सभी किसान मुख्य कार्यपालन अधिकारी के चैम्बर में घुस गए। किसानों ने नाराजगी जाहिर करते हुए सीईओ की कुर्सी के सामने जमीन पर पालथी मारकर बैठ गए।साथ ही सीईओ पर किसानों के साथ अन्याय किए जाने का आरोप लगाया। इस दौरान धीरेन्द्र ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा जिले का सबसे बड़ा अधिकारी कलेक्टर सौरभ कुमार ने सम्मान करते हुए दस किसानों को बुलाकर संवाद किया। साथ ही समस्या निराकण किए जाने का वादा किया।  लेकिन जो बैंक किसानों के हित के लिए किसानों के लिए है..उसी बैंक के चेयरमैन के पास इतना समय नहीं है कि किसानों की समस्या को सुने । या फिर अपने चैम्बर में बुलाकर मिलने से भी इंकार कर दे। इस अपमान को किसान हरगिज बर्दास्त नहीं करेगा। यही कारण है कि स्वाभिमानी किसानों ने सीईओ चैम्बर में जमीन पर पालथी मारकर बैठना उचित समझा। 
किसानो की गाधीगिरी देखकर सीईओ श्रीकांत चन्द्राकर ने दुख जाहिर किया। उन्होने कहा कि किसान ऐसा हरगिज ना समझे कि उनका अपमान किया गया है। सभी लोग कुर्सी पर बैठें। बावजूद इसके किसानों ने कुर्सी पर बैठने से इंकार कर दिया। और अपनी मांगों को बारी बारी से पेश भी किया। 
इस दौरान सभी किसानों ने दुहराया और लिखित में आठ बिन्दु वाला मांग पत्र दिया। धीरेन्द्र ने कहा कि यदि किसानों की राशि पन्द्रह दिनों के अन्दर नहीं मिलती है.. आठ सूत्रीय मांग को पूरा नहीं किया जाता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
 
किसान का बैंक नाराजगी का सवाल ही नहीं
सीईओ चैम्बर में जमीन पर बैठने के सवाल पर धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि सभी किसान करीब आधे घण्टे से परिसर में सीईओ का इंतजार करते रहे। लेकिन सीईओ के पास इतना भी समय नहीं था कि वह हमारी बातो को सुने। यद्यपि बाद में सीईओ ने किसानों को अपमानित करते हुए सिर्फ दो लोगों से ही बात करने को कहा। जबकि इसी शिकायत को लेकर हम कलेक्टर सौरभ कुमार से भी मिले। उन्होने ना केवल अच्छा व्यवहार किया। बल्कि दस किसानों से मिलकर समस्या का निकाकरण करने का वादा भी किया। धीरेन्द्र ने कहा कि सहकारी बैंक किसानों के बल पर जिन्दा है। ऐसे मे किसानों का अपमान हरगिज बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इसलिए हमने साहब की कुर्सी पर बैठने से इंकार कर दिया।
सीईओ को किसान पदाधिकारियों ने जमीन पर ही बैठकर अपनी भावनाओं को जाहिर कर दिया है। यदि पन्द्रह दिनों के अन्दर मांग को पूरी नही किया जाता है तो हम उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे। इस दौरान  जिला मंत्री सोनू तिवारी ,माधोसिंह विजय यादव ,राजूसिंह ,अनिल पटेल , लक्छमी सिन्हा, तिवारी ,महेश यादव ,राकेश भोसले, लक्छमी साहू ,पहारू साहू , गोपी पटेल ,मणिशंकर कौशिक ,रामकिशोर देवांगन ,राजकुमार दुबे ,नंदकुमार देवांगन,सहित पीड़ित किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।
खोला जा रहा था टेण्डर
 
किसानों की नाराजगी के सवाल पर सीईओ श्रीकांत चन्द्राकर ने बताया कि किसानो से नाराज होने का सवाल ही नहीं उठता है। चूंकि आज ही टेण्डर खोले जाने का आखिरी दिन था। मामले की गंभीरता को देखते हुए किसानों से समय पर मुलाकात नहीं हुई। चूंकि इस दौरान कार्यालय के अन्दर टेन्डर खोले जाने की कार्रवाई की जा रही थी । स्थान भी कम था इसलिए कुछ किसानों को ही अन्दर बुलाया गया। यद्यपि बाद में इस बात की जानकारी किसानों को भी हुई। लेकि न नाराजगी का सवाल ही नहीं उठता है। रही बात किसानों की मांगों की …उसका जल्द से जल्द निराकरण किया जाएगा। 
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