बिलासपुर—दयालबन्द स्थित कैनरा बैंक में फर्जी दस्तावेज से लोन दिए जाने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार बैंक ने ग्राहक को गवाह के फर्जी दस्तावेज पर ना केवल सात लाख का लोन दिया। बल्कि जानकारी के बाद भी भूल सुधार करने में आना कानी कर रहा है। पीड़ित ने मामले को लेकर कई बार बैंक प्रबंधन का दरवाजा खटखटाया..तीन महीने की लगातार शिकायत के बाद भी प्रबंधन के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है। पीड़ित ने बताया कि यदि फर्जी दस्तावेज पेश कर लोन वाले ने कर्ज नहीं पटाया तो बैंक उस पर धावा बोलेगा। बावजूद इसके बैंक ना तो गलती ही सुधार रहा है और ना ही किसी तरह की कार्रवाई ही कर रहा है।
गवाह का फर्जी दस्तावेज
कैनरा बैंक में गवाह के फर्जी दस्तावेज पेश लोन दिए जाने का मामला सामने आया है। खबर यह है कि जिस व्यक्ति का पैनकार्ड की छायाप्रति बैंक में जमा है..उसने ना तो बैंक से लोन लिया है और ना ही लोन लेने वाले का गवाह ही बना है। बावजूद कैनरा बैंक प्रबंधन से सात लाख लोन दिए जाते समय उसके पैनकार्ड की छायाप्रति का उपयोग किया गया है।
शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी जय प्रकाश मित्तल ने बताया कि एक दिन उनका लड़का व्यापारी गतिविधियों को लेकर आनलाइन कुछ खोज रहा था। इसी दौरान उसे जानकारी मिली कि दयालबन्द स्थित कैनरा बैंक से रामअवतार अग्रवाल और उनका बेटा शुभम् अग्रवाल ने सात लाख लोन लिया है। लोन लेते समय उसके पैन कार्ड का उपयोग किया गया है। जबकि उसने ना तो कभी लोन के लिए आवेदन किया। और ना ही किसी लोन लेने वाले का गवाह ही बना है। बावजूद इसके उसके पैन कार्ड का उपयोग कर सात लाख का लोन लिया गया है।
प्रबंधन के कान पर जूं नहीं रेंग रहा
जयप्रकाश मित्तल ने बताया कि उनके बेटे का नाम शुभम् अग्रवाल है। लोन लेने वाले का नाम रामअवतार अग्रवाल है। लोन देते समय गवाह शुभम् अग्रवाल को बनाया गया है। बैंक पहुंचकर मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराया। बताया कि बैंक में जमा लोन के काजगात में उनके बेटे का पैनकार्ड की छायाप्रति जमा किया गया है। जबकि उनका बेटा ना तो लोन लिया है और ना ही किसी का गवाह ही बना है। पिछले चार महीने से लगातार चक्कर काट रहा हूं। बावजूद इसके बैंक प्रबंधन आज को कल पर टाल रहा है। ना तो दस्तावेज ही ठीक कर रहा है। और ना ही लोन लेने वाले को बुलाकर जांच पड़ताल ही कर रहा है। इस दौरान तीन प्रबंधक भी बदल चुके हैं। बावजूद इसके बैंक प्रबंधन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है।
दर्ज कराऊंगा एफआईआर
मित्तल ने बताया कि उन्हें डर है कि यदि लोन लेने वाले ने कर्ज नहीं चुकाया या किश्त अदायगी नहीं किया तो उसे दोषी कैनरा बैंक से सात लाख लोन लिया है। को आनलाइन व्यापारी गतिविधियों को लेकर ने लिस से भी औमें भारी लापरवाही की जानकारी सामने आयी है। बाप और बेटे ने दूसरे का पैन कार्ड पेश कर बैंक से सात लाख रूपया लोन लिया। मामले की जानकारी के बावजूद अब बैंक ना तो अपनी भूल सुधारने को तैयार है। और ना ही फर्जी दस्तावेज पेश कर लोन लेने वाले के ही खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई को तैयार है। बहरहाल पीड़ित ने अब पुलिस में शिकायत करने का फैसला किया है।
घबराने की बात नहीं..शिकायत करेंगे दूर…
कैनरा बैंक प्रबंधक ने श्रीमती ताम्रकार ने बताया कि एक सप्ताह के अन्दर शिकायत को दूर कर दिया जाएगा। गलती शायद सिविल वर्ग से हुई है। हमने उच्च स्तर पर गड़बड़ियों को दूर करने को कहा है। उम्मीद है कि तीन चार दिन के भीतर गलतियों को सुधार लिया जाएगा। यद्यपि ताम्रकार ने माना की फर्जी दस्तावेज पेश किया जाना अपराध है। अभी उनकी ज्वाइनिंग नई है।