हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को किया तलब..पूछा क्यों नहीं चल रही पैसेंजर …शपथ के साथ 3 सप्ताह में दे जवाब

Editor
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बिलासपुर— समाजसेवी अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से उच्चन्यायालय में याचिका पेश किया है। डबल बैंच के सामने अधिवक्ता संदीप दुबे ने लाकडाउन के दौरान आम जनता को रेलवे की व्यवस्था से हो रही परेशानियों को सामने रखा है। सुनवाई के बाद डबल  बैंच ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर सवाल किया है। कोर्ट ने पूछा है कि गरीब और छोटो शहरों के लिए पैसेंजर ट्रेन क्यो नही चलाई जा रही। कोर्ट ने केन्द्र को 3 सफ्ताह में शपथ पत्र के साथ जवाब देने को कहा है। 

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                 याचिकाकर्ता सुदीप श्रीवास्तव के वकील संदीप दुबे ने हाईकोर्ट में याचिका पेश कर लाकडाउन के दौरान यात्री सुविधाओं को लेकर आम जनता को रही परेशआनियों को न्यायालय में पेश किया है। शुक्रवार को डिवीजन बेंच मुख्यंयाधिपति रामचंद्र मेनन और न्यायाधीश पी पी साहू ने सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण मार्च से पूरे देश मे केंद्र सरकार और रेलवे ने ट्रैन का संचालन बन्द कर दिया।  लॉक डाउन के समय श्रमिक स्पेशल ट्रेन राज्य सरकारों की मांग पर कुछ दिनों तक चलाई गयी। इसके बाद आज तक पूरे देश मे 151 सस्पेशल गाड़ियां चलाई जा रही हैं। इस दौरन स्पेशल ट्रेन के नाम केवल ट्रेन का नंबर ही बदला गया है। जबकि ट्रैन का नाम औऱ रूट वही रखा गया है। 

           कोर्ट को संदीप दुबे ने बताया कि इस दौरान ट्रेन का किराया भी बढ़ा दिया गया है। यात्रियों को मिल रही छूट को भी खत्म कर दिया गया है। बुजुर्ग, सैनिक, विधवा ,दिव्यांग जनों की मिलने वाली सुविधाएं भी खत्म कर दी गयी हैं। सभी ट्रेनों से सामान्य श्रेणी के बोगियों को हटा दिया गया है। यह जानते हुए भी कि सामान्य गरीब और गांव के लोगो को जरूरत में भी महंगी यात्रा संभव नही हैं। 

             याचिकाकर्ता के वकील ने जानकारी दी कि पैसेंजर ट्रेन के नही चलने से छत्तीसगढ़ के गरीब आदिवासी और गांव के लोगो को भआरी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इलाज के लिए भी यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। जबकि केंद्र ने ही महामारी अधिनियम के तहत निर्देश जारी कर कहा है कि देश मे कोई भी कही भी बिना रोक टोक के यात्रा कर सकता है।    

              सवाल उठता है कि पैसेंजर ट्रेन छत्तीसगढ़ और आसपास के लिए क्यो नही चलाई जा रही है। जबकि ऐसा किया जाना संविधान में प्रदत अनुछेद 19(1)(d) का उल्लंघन है। संविधान के अनुसार भारत का नागरिग कही भी आ जा सकता है । दिल्ली में मेट्रो ट्रेन और मुम्बई में लोकल ट्रेनों को संचालन शुरू कर दिया गया है।

                याचिकाकर्ता के पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट डिवीजन बेंच ने केंद्र सरकार के वकील रमाकांत मिश्रा से सवाल किया। रमाकान्त मिश्रा ने बताया कि केंद्र की पालिसी महामारी अधिनियम के अनुसार बनाई गयी है। डीविजन बैंच ने दो पक्ष को सुनने के बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि गरीब और छोटो शहरों के लिए पैसेंजर ट्रेन क्यो नही चलाई जा रही है। चलने वाली स्पेशल ट्रेनों में जनरल बोगी की व्यवस्था क्यों नहीं है। जबकि सभी रुट में कम से कम एक पैसेंजर ट्रेन का संचालन जरूरी है। जबकि सारी स्पेशल ट्रेन एसी या स्लीपर क्लास की है। मामवे में सारे सवालों का जवाब शपथ पत्र के साथ तीन सप्ताह के अन्दर पेश करें। 

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