अब तहसीलदारों का फूटा गुस्सा..कहा..तहसील के साथ संसाधनों में भी करें इजाफा..सीएम को दिया मांग पत्र..किया एलान..17 मई से सामुहिक जंग

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बिलासपुर—तहसीलदारों ने 10 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम दिया है। मांग पत्र में कनिष्ठ प्रशासनिक संगठन ने राजस्व न्यायालय और तहसीलदारों की स्थिति में सुधार किए जाने की मांग की है। तहसीलदारों ने कहा कि स्थिति में सुधार के लिए सरकार को वेतन विसंगति समेत सुरक्षा और पदोन्नति की बात को पुरजोर तरीके से रखा है।
 
                               कनिष्ठ प्रशासनिक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र भेजा है। मांग पत्र के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के तहसीलदार, नायब तहसीलदारों ने शासन से राजस्व न्यायालय और तहसीलदारों की स्तिथि में सुधार किए जाने की बात कही है। कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने संशाधनों की पूर्ति , वेतन विसंगति , सुरक्षा , पदोन्नति, वाहन और आवास, प्रोटोकॉल भत्ता , निर्वाचन कार्य भत्ता, राजस्व अधिकारियों की समीक्षा की बात कही है। 
 
           अधिकारियों ने 10 सूत्रीय मांग पत्र को राज्यपाल और राजस्व मंत्री को भेजा है। कार्य आबंटन,विक्रय विलेख की प्रमाणिकता संबंधित मांग को कलेक्टर कार्यालय के माध्यम से सौपा है। ज्ञापन देने वालों में सीपत तहसीलदार शशिभूषण सोनी समेत अन्य कनिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। शशिभूषण सोनी ने बताया कि हमारी मांगो पर उचित कदम नही उठाने पर 17 मई से सामूहिक अवकाश या हड़ताल में जाने पर जाने के लिए मजबूर होंगे।
 
             शशिभूषण ने बताया कि प्रदेश में लगातार तहसीलों की बढ़ी है। लेकिन संशाधन और स्टाफ की कमी है। इसी क्रम में नई तहसीलों में सीपत का नाम भी शामिल है। लगातार प्रकरणों के निराकरण को लेकर निर्धारित समयावधि 6 माह किये जाने के कारण बढ़ते कार्य के अनुसार कार्य में तेजी से किया जाना मुश्किल है। शासन के मंशानुरूप तहसीलदार कार्य नही कर पा रहे हैं। ऐसे में शासन को अपनी मांग से संघ के माध्यम से अवगत कराया गया है।
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