बिलासपुर—प्रदेश ही नहीं बल्कि भारत और विश्व की किसी भी सरकार ने इतना धान नहीं खरीदा जितना भूपेश सरकार ने कर दिखाया है। हमने अभी तक धान खरीदी का सारा रिकार्ड तोड़ दिया है। किसानों की आर्थिक सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। किसानों की क्रय और विक्रय की क्षमता बढ़ी है। इस साल सरकार ने एक लाख दस हजार मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। टारगेट को हासिल करने मात्र तीन कदम दूर है। 31 जनवरी तक लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। बिलासपुर जिले में भी निर्धारित लक्ष्य को समय के पहले हासिल कर लिया जाएगा। यह बातें जिला सहकार केन्द्रीय मर्यादित बैंक के चैयरमैन प्रमोद नायक ने कही। नायक ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार किसानों को दिए जाने वाली राशि की क्षमता में इजाफा किया जाएगा।
110 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य
जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक के चैयरमैन ने बताया एक नवम्बर से 31 जनवरी के बीच सरकार धान खरीदी महोत्सव शुरू किया। इस साल भूपेश सरकार ने हमेशा की तरह धान खरीदी का लक्ष्य बढ़ाया है। इस साल एक लाख दस हजार मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। आज दिनांक तक हमने 103 लाख मीट्रिक टन धान खरीद लिया है। 31 जनवरी तक हम इस लक्ष्य को भी पार कर जाएंगे।
26 हजार 400 करोड़ का भुगतान
चैयरमैन नायक ने बताया कि बिलासपुर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को इस साल 21 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य मिला है। अब तक हमने 20 लाख मीट्रिक टन धान खरीद चुके हैं। 31 जनवरी को हम इस टारगेट को भी पार कर जाएंगे। प्रमोद ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने धान खरीदी को महोत्सव की तरह लिया है। आज तक देश ही नहीं बल्कि विश्व की किसी भी सरकार ने इस स्तर पर धान खरीदी का संकल्प नहीं दिया है। पूरा देश इस बात ना केवल देख रहा है..बल्कि दूसरे राज्यों के किसान छत्तीसगढ़ के किसानों की बराबरी करने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने अभी तक 26 हजार 400 करोड़ रूपयों का भुगतान किया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन
नायक ने बताया कि भूपेश सरकार के प्रयास से आज किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरी है। किसानों का हौसला भी बढ़ा है। इसका परिणाम सरकार को आने वाले समय में मिलेगा। एक सवाल के जवाब में नायक ने कहा कि प्रत्येक बैंक का एक लिमिट होता है। लिमिट के अनुसार ही किसानों को व्यवस्था के तहत राशि का भुगतान किया जाता है। बिलासपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक की एक लिमिट है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लिमिट को बढ़ाया जाएगा। अब किसी भी किसान को मांगी गयी राशि का भुगतान तत्काल किया जाएगा।